#DivinePlay_Of_GodKabir

दादू जी का उद्धार सात वर्ष की आयु के दादू जी को परमात्मा कबीर जी जिंदा महात्मा के रूप में मिले व ज्ञान समझाया और सतलोक दिखाया। इसलिए परमात्मा कबीर जी की महिमा गाते हुए दादू जी कहते हैं :जिन मोकू निज नाम दिया, सोई सतगुरु हमार । दादू दूसरा कोई नहीं, कबीर सिरजनहार ।।#3DaysLeft_KabirPrakatDiwas

हनुमान जी का कल्याण करना परमार्थी हनुमान जी को निस्वार्थ दुखियों की सहायता करने का फल मिला। कबीर परमात्मा मुनीन्द्र रूप में स्वयं आए, मोक्ष मार्ग बताया। जीव का कल्याण हुआ। हनुमान जी फिर मानव जीवन प्राप्त करेंगे। तब परमेश्वर कबीर जी उनको शरण में लेकर मुक्त करेंगे। उस आत्मा में सत्य भक्ति बीज डल चुका है।
सूखी टहनी हरी भरी करना
एक बार जीवा और दत्ता ने सन्तों की परीक्षा लेने की ठानी कि पृथ्वी पर कोई पूर्ण संत होगा तो उनके चरणामृत से सूखी डाली हरी हो जाएगी। सभी सन्तों महन्तों गुरुओं की परीक्षा ली, कुछ नहीं हुआ। अन्त में जिन्दा महात्मा रूप में प्रकट कबीर साहिब जी का चरणामृत सूखी डाली पर डाला तो उसी समय वह हरी-भरी हो गयी। इसका प्रमाण आज भी गुजरात के भरूच शहर में मौजूद है। वह पेड़ कबीरवट के नाम से जाना जाता है।  
 जीवा दत्ता ने सूखे खूट पे, लेई परीक्षा भारी।   
 साहेब कबीर के चरणामृत से, हरी हुई वो डारी।

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